हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,आयतुल्लहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने फरमाया,इन दो बरसों में एक आम बला महामारी मौजूद थी जो अलहम्दोलिल्लाह काफ़ी हद तक, बड़ी हद तक कंट्रोल हो गयी है।
हम दुआ करें कि अल्लाह इस बला को हमारी प्यारी क़ौम, मुसलमान क़ौमों और पूरी दुनिया के लोगों से दूर कर दे।हम अल्लाह से हालात में बदलाव चाहते हैं, लेकिन हमें ख़ुद भी कोशिश करनी चाहिए। हमारी कोशिश की वजह से अल्लाह अपना करम हमारे शामिले हाल करेगा और इस दुआ को क़ुबूल करेगा।
दुश्मन का लक्ष्य इस्लामी गणराज्य को साम्राज्यवाद की पसंदीदा हुकूमत में बदलना है, या सिर्फ़ ज़ाहिरी प्रजातांत्रिक हुकूमत में। प्रजातांत्रिक सरकार सत्ता में हो लेकिन उनके इशारे पर काम करे।
ईरानी क़ौम और हमारे इस्लामी समाज की ताक़त का एक सबसे मज़बूत पहलू यह है कि हमारे इस्लामी समाज का भीतरी ढांचा मज़बूत है इसकी बुनियाद ईमान है।
अमरीका जैसे मुल्क के राष्ट्रपति और कुछ यूरोपीय मुल्कों ने हालिया बलवों का समर्थन किया, इस्लामी गणराज्य ऐसे बलवों, ऐसी अंतर्राष्ट्रीय साज़िश से निपटने में कामयाब रहा और उसने दुनिया को बता दिया कि वह ताक़तवर है।